Mann Tu

Sonu Nigam, Drums Shivamani

मन तू मान जा काहे माने ना मन तू मान जा काहे माने ना रे तो जग की जलन काहे जाने ना रे तो जग की जलन काहे जाने ना तेरे पैरों मे बांध कस कर के तांथ काहे उड़ता फिरे पतंगो सा कभी पानी मे बह के बूंदों मे रह के घुलता रहे तू रंगो सा मन तू मान जा काहे माने ना रे तो जग की जलन काहे जाने ना रे तो जग की जलन काहे जाने ना जिंदगी की पटरियों पे जिंदगी की पटरियों पे रेल सा दौड़ता है खेल बन के आप अपने खेल सा खेलता है तूने आँखों के अपने गुल्लख मे कितने सपने जुटा के रखे है और कान्धो पे कैसे ख्वाबों से भर के बस्ते उठा के रखे है रे तू भोला है कितना बच्चो सा जिद करता है रूठ जाता है होरे मन काहे जबरन होरे मन काहे जबरन तू ज़ोर लगाता है होरे मन काहे खामखाँ तू शोर मचाता है तू ना जाने क्यू रे ना माने ना क्यू रे टूटा तितली के पंखों सा तुझे जी भर सताया अरे काट खाया अपनो ने हर एक डंकों सा रे तू भोला है कितना बच्चो सा जिद करता है रूठ जाता है तू बनके गधारी आशाओ की तू बनके गधारी आशाओ की बढ़ता ही रहता ढलानो पे भर के कुलाइची ना देखे पीछे चढ़ता ही रहता चढ़ांनो पे तूने बाँधी जो आश् ओर जो ली हे साश गुब्बारे सी फुट सकती है थोड़ी बातें बना के गप्पे खिला के तुझे दुनिया तुझे लूट सकती है रे तू भोला है कितना बच्चो सा जिद करता है रूठ जाता है मन तू मान जा काहे माने ना रे तो जग की जलन काहे जाने ना रे तो जग की जलन काहे जाने ना

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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