Tu Hai Bhatakta Jugnu Koi

Vijay Prakash, Nandini Srikar, Shreya Ghoshal

तू है भटकता जुगनू कोई मई तो अंधेरे की हू पारी हो तू है आवारा तूफान कोई मई उड़ता हुवा तिनका सही आज अपना मिलन हो गया किस ख्वाब ने चुप छाप से मेरा बदन छू लिया किस ख्वाब ने चुप छाप से मेरा बदन छू लिया तू है भटकता जुगनू कोई मई तो अंधेरे की हू पारी बाहों में लेके मुझको सीखा दे संग में तेरे नाच लू सब दर्र मेरे आज भुला दे इंद्रा धनुष छू लू जैसे कोई मोर है नाचे पहली बहारो में मई एक पांच्ची सहमा सहमा पहली उड़ान भरे तूने मुझे उड़ना सिखला दिया कैसा हसीन यह जादू किया किस ख्वाब ने चुप छाप से मेरा बदन छू लिया किस ख्वाब ने चुप छाप से मेरा बदन छू लिया ह्म तू है भटकता जुगनू कोई मई तो अंधेरे की हू परी हो तू है आवारा तूफान कोई मई उड़ता हुवा तिनका सही आज अपना मिलन हो गया किस ख्वाब ने चुप छाप से मेरा बदन छू लिया किस ख्वाब ने चुप छाप से मेरा बदन छू लिया तू है भटकता जुगनू कोई मई तो अंधेरे की हू परी

Written by: Barot Ranjit, Nandini Srikar, Nilesh MisraLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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