Phir Se Zara

Jubin Nautiyal, Shashwat Sachdev

फिर से ज़रा तू रूठ जा फिर से तुझे मनाऊं मैं हाय फिर से ज़रा तू रूठ जा फिर से तुझे मनाऊं मैं हाय फिर से ज़रा तू दूर जा फिर से तुझे बुलाऊँ मैं ए ज़िंदगी तू चुप है क्यूँ मिलके कभी तू बोल ना दिल की जो बातें हैं होठों पे खोल ना चुभती ख़ामोशी है कुछ तो बोल ना दिल की जो बातें हैं होठों पे खोल ना चुभती ख़ामोशी है कुछ तो बोल ना फिर से ज़रा तू रूठ जा फिर से तुझे मनाऊं मैं अंदर एक मेरे है उड़ता घायल परिंदा कोई मरके भी जैसे एक मुझमे पागल है ज़िंदा कोई अंदर एक मेरे उड़ता घायल परिंदा कोई मरके भी जैसे है मुझमे पागल है ज़िंदा तिनका हूँ मैं तूफ़ान में तिनका हूँ मैं तूफ़ान में क्यूँ ज़िंदगी तू बोल ना दिल की जो बातें हैं होठों पे खोल ना चुभती ख़ामोशी है कुछ तो बोल ना दिल की जो बातें हैं होठों पे खोल ना चुभती ख़ामोशी है कुछ तो बोल ना

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store

Related songs