Khud Samajh Lo Ki Iltija Kya Hai

शमशाद बेगम, Mohammed Rafi

खुद समझ लो की ये इल्तीज़ा क्या है खुद समझ लो की ये इल्तीज़ा क्या है हमी कह दे तो फिर मज़ा क्या है हमी कह दे तो फिर मज़ा क्या है है हर एक सांस एक नया पैगाम है हर एक सांस एक नया पैगाम क्या बताए के दिल मे क्या क्या है क्या बताए के दिल मे क्या क्या है साथ जब तक ना हो बराबर का साथ जब तक ना हो बराबर का साथ जब तक ना हो बराबर का ज़िंदगी मे भरा हुआ क्या है ज़िंदगी मे भरा हुआ क्या है तुम हमे चाहो हम तुम्हे चाहे तुम हमे चाहो हम तुम्हे चाहे जब ये तय है तो फिर गीला क्या है जब ये तय है तो फिर गीला क्या है गम भी निभ जाएगा खुशी के साथ गम भी निभ जाएगा खुशी के साथ दिल मिले हों तो पूछ्ना क्या है (दिल मिले हों तो पूछ्ना क्या है) दिल मिले हों तो पूछ्ना क्या है (दिल मिले हों तो पूछ्ना क्या है) खुद समझ लो के इल्तिजा क्या है (खुद समझ लो के इल्तिजा क्या है) हम ही कह दे तो फिर मज़ा क्या है (खुद समझ लो के इल्तिजा क्या है)

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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