नहीं पता
सम्मोहित, फ्रेंझी, शाह रुल, DIVINE
अपने से शुरू है काहे का गुरूर है
इसका उसका नही सबका कसूर है
कुछ करना ज़रूर है
वास्तव के अंत में खुद की भूल ही
खुद का खून है
बच्चो को काम नही बच्चो को स्कूल दे
जैसे पैसे वैसे सेहत को मूल दे
बच्चो को काम नही बच्चो को स्कूल दे
जैसे पैसे वैसे सेहत को मूल दे
नही पता नही पता करेंगे क्या आजा बता मिलें कहाँ
सब जगह ग़लती है सब जगह सब जगह जल्दी है
दुनिया ना रुकती है तुझको ना मुझको यह पूछती है
नही पता करेंगे क्या करेंगे क्या आजा बता मिलें कहाँ
सब जगह ग़लती है सब जगह सब जगह जल्दी है
दुनिया ना रुकती है तुझको ना मुझको यह पूछती है
हर एक चीज़ दे खिलाफ आए दुनिया सारी
अपनी चीज़ एहना नू हुंडई आए जान तो प्यारी
बस बाक़ीयाँ नू वेख सर्दे फीरडे
सद्डे नाल हुंदे सीगे आज तां नू चढ़ गे किदान
पता नई मेनु वी सोचेया बस किट्ता शुरू ते आयेज दा मेनु वी
पता नई सीगा कमज़ोर कफफी पर
देख आज किते में काइयां दे बंद कितते हेयेस वी
ग़लत फहमियाँ ना रख मेरे खिलाफ तू
बनना की में साबित कार्दूंगा ते
लंग जुंगा पार तेरे नज़रण दे सामनेयो
पांच्ची आज़ाद ना तुसी फढ़ सकड़ेयो
दस्तूर हे कुछ ईडा दा औखे वेले नाल
गिनने चुने बाकी होजांदे फरार
बोल मेरे कर्दे ने तेरे हिक्क ते वार
अस्सी मड तो जानदार ते काम पूरा ख़ूँख़ार
होगेयन लोग ज़ालिम बाहौत
फरया गंध एन्ना च यारा बाहौत
ए कर्ण दिखावे बस अंड्रों खॉकले सारे ने नकली लोग
समाज ना आवे हूँ करना की
बदलना कुछ या रहना सब एद्दा ही
बदल गया जे कुछ सोच रहनी तुहादी ओनी ह
नही पता नही पता करेंगे क्या आजा बता मिलें कहाँ
सब जगह ग़लती है सब जगह सब जगह जल्दी है
दुनिया ना रुकती है तुझको ना मुझको यह पूछती है
नही पता करेंगे क्या आजा बता मिलें कहाँ
सब जगह ग़लती है सब जगह सब जगह जल्दी है
दुनिया ना रुकती है तुझको ना मुझको यह पूछती है
नही रुके दुनिया यह चलती रहती
कोई आयेज कोई पीछे यह झट से दहती
हूमें क्या पता क्या सही क्या है ग़लती
लोग काटे एक दूसरे को बनके कैंची
इसलिए नज़दीक लगे ख़ात्मा
यहाँ मदद पे बढ़ता कोई हाथ ना
इंसान खुद ही एक इंसान को जलता
और करते घर बैठके प्रार्थना
हर साल नये नारे हर साल नया जोश
कोई जाल में ना आए तो मूह बंद करदो
है बनती सरकार हूमें बनते जाते
देश बाद में तुम ध्यान पहले हम पर दो
चलो कम करे यहाँ भरे ज़डा जंगल
आधी काँच की इमारत लगे आधा खंदार
करो मौसम की चिंता जलती जब धूप
है छलके दफ़्तर के अंदर
लगी पड़ी यहाँ सब को जल्दी
है जो गिरते भीड़ में यह कुचल के चलती
होते सौदे उसके भी धरम के नाम पर
तो करे कोई कैसे अब परवाह जलकी
जो हम देते उसको वो है देता वापस
हम लेते उससे वो है देता ताक़त
यह पैसा पड़ोसी घमंड और रिवाज़
अब साथ ही समय के है बनते घातक
नही पता करेंगे क्या (करेंगे क्या) आजा बता मिलें कहाँ
सब जगह ग़लती है सब जगह सब जगह जल्दी है (जल्दी है)
दुनिया ना रुकती है तुझको ना मुझको यह पूछती है
नही पता करेंगे क्या आजा बता मिलें कहाँ
सब जगह ग़लती है सब जगह सब जगह जल्दी है (गली गांग)
दुनिया ना रुकती है तुझको ना मुझको यह पूछती है
बच्चो को काम नही बच्चो को स्कूल दे
जैसे पैसे वैसे सेहत को मूल दे
बच्चो को काम नही बच्चो को स्कूल दे
जैसे पैसे वैसे सेहत को मूल दे
बाकचों को काम नही बाकचों को स्कूल दे
जैसे पैसे वैसे सेहत को मूल दे
बच्चो को काम नही बच्चो को स्कूल दे
जैसे पैसे वैसे सेहत को
Written by: Lyrics © Reservoir Media Management, Inc.Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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