रफ़्तार
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल
मैं आगे चलता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़
मैं आगे बढ़ता चला गया
रफ़्तार
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़ आगे बढ़ लेट मी सी यु गो
सन उन्नीसो अट्ठासी नवम्बरसोलह
किसी को थी ना खबर ज़रा सी
के आया दुनिया में एक कलाकार
जो बनेगा स्टार देसी हिप हॉप की जुबानी
ज़लज़ला तूफानी जो लब्जों में सुनामी
जो लड़ गया ज़माने से बन गया कहानी
हुआ सब कुछ जैसा मैंने सोचा
आधी मेहनत आधी रहमत थी खुदा की
पांव रहते ज़मीन पर मेरी
आंखे आसमान पे
की करूं उसे हासिल
सुना सबको पर बनाया खुद का
सीखा नही था रुकना तभी बना मैं काबिल
पागल हुआ जब सुना मैंने रैप किसी दोस्त की वजह से
आज उसे मेरा थैंक यू
बना जरिया कमाया भरा पेट मैंने
लोगो की पसंद में भी हुआ फिर शामिल
कातिल बुलाते मुझे यार मेरे
करा नही रैप मैंने कभी बनने के लिए कूल
यार दोस्त आज भी वही होते दूसरी में साथ मेरे
तब सचदेवा था स्कूल
गुच्ची वर्सस प्रादा ज़रा सब पर
कभी कभी पहनु मैं शर्ट दोसो वाली
ताकि अपनी औकात और उस शुरुआत को
गलती से जाऊं ना मैं भूल
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल
मैं आगे चलता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़
मैं आगे बढ़ता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल
मैं आगे चलता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़
मैं आगे बढ़ता चला गया
आगे चला
आगे आगे चला
वो बोले आगे बढ़
आगे बढ़ आगे बढ़
बड़े सपने देखे दिन रात जो
ऐसी औलाद मिली मेरे माँ बाप को
पेट काटा अपना दिया जो था बस का
पूरा किया मेरे हर छोटे मोटे ख्वाब को
आज वो है खुश कहते है कुछ कर गया
कैसे मैं चुकायूँ अब उनके हिसाब को
मिली जन्नत मुझे मेरे बिना धरती पे
बेटा नही पाला पाला एक शहलाब को
चलो बंद करता हू ऐसी बातें
मैंने हवा में फैला दी थोड़ी सीरियसनेस
ऐसे गाने ही करूँगा प्रमोट
खर्चुंगा यही नोट चाहे व्यू आये लेस
हाँ येस यहां गंध जादा बिकता है
झूट यहा हिट है सच नही दिखता है
कौन हिट कितना है कैसा है
किसी को समझ नहीं
सबको ही वैसा ही दिखना है जिनका है
कुछ ऐसा ही प्लान करो जान के
मैं सब काम नकली हु जड़ से मिटाने वाला
कहते हैं मुझे रैप करो स्लो ये लो
अगली बार मैं धीरे नही गाने वाला
करूं मन की लो फ़ोटो मेरे तन की
मुझसे ज्यादा सनकी नही है तेरा स्टार
वो स्काई हाई मैं अंतरिक्ष पार
सियाही दे गवाही कलमकार रफ्तार रा
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल
मैं आगे चलता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़
मैं आगे बढ़ता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल
मैं आगे चलता चला गया
वो बोले मुझे थोड़ा आगे बढ़
मैं आगे बढ़ता चला गया
कलम ही धर्म है करनी शरम ना
ज़ख़्म ज़ख्म लगते मरहम ना
सकन लगन दुखती तपन ना
सगन सगन बढ़ती रकम आ
कलम ही धर्म है करनी शरम ना
ज़ख़्म ज़ख्म लगते मरहम ना
सकन लगन दुखती तपन ना
सगन सगन बढ़ती रकम आ
वो बोले मुझे थोड़ा आगे चल
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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