Jogan

Raj Shekhar, Rupali Jagga, Romy, Nikhita Gandhi, Parag Chhabra

तरीका नहीं आता सलीका नहीं आता किताबों से तेरी जो सीखा नहीं आता हो चार दीवारी जो तुम्हारी जहां तुम दिखोगे खार गुजारी हमारी ठीक वहीं हम लिखेंगे लोग कहेंगे ये कैसी अजब सी पागल है यार कसम से ये बादल पर संभाले रखेंगे जोगण हो गई जोगण हो गई, जोगण हो गई छोटी उमरिया में जोगण हो गई जोगण हो गई, जोगण हो गई छोटी उमरिया में जोगण हो गई कैसे फरेब तेरे कैसी ये चलाकिआ है आई तू जब से फैली ये पनोतियाँ रे दिल को दहलाती ऐसे धक धक भेदे है तू दिल कहाँ तोड़े है तू दिल को कुरेदे है तू काली स्याही है तू पूरी तबाही है तू अँधेरी खाई है तू रात बिलोटे सी ताक में बैठी है घात लगाए जैसे साख पे बैठी है आँख दिखाए है डराए है पर दिल जुगनू सा बाँध लिया आज तो जिद है इसकी चाहे आग लपेटे जाना है जोगण हो गई, जोगण हो गई छोटी उमरिया में जोगण हो गई जोगण हो गई, जोगण हो गई छोटी उमरिया में जोगण हो गई जोगण हो गई, जोगण हो गई छोटी उमरिया में जोगण हो गई

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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