Woh Ladki Jab Ghar Se

Pankaj Udhas, Laxmikant Pyarelal

चाहे रात का कोई पल हो कौन यहा सोता है हुंगमा होता है चाहने वालो की एक भीड़ सी साथ में चलती है वो लड़की जब वो लड़की जब घर से निकलती है वो लड़की जब घर से निकलती है चाहने वालो की एक भीड़ सी साथ में चलती है वो लड़की जब वो लड़की जब घर से निकलती है देखने वालो के होतो से दुआ निकलती है वो लड़की जब वो लड़की जब घर से निकलती है वो लड़की जब घर से निकलती है ज़ुलफ जो खुल जाए ज़ुलफ जो खुल जाए मौसम को खुसबु से भर देगी दीवाना कर देगी दीवाना कर देगी देखने वेल फिसल जाए देखने वेल फिसल जाए वो ऐसे संभालती है वो लड़की जब वो लड़की जब घर से निकलती है वो लड़की जब घर से निकलती है रास्ते में वो मिल जाए तो रास्ते में वो मिल जाए तो ऐसे घबराती है अंजन नज़र आती है अंजन नज़र आती है कोई ना उसके पास आए कोई ना उसके पास आए रंग ऐसा बदलती है वो लड़की जब वो लड़की जब घर से निकलती है वो लड़की जब घर से निकलती है ख़ाली पाँव भी निकले तो ख़ाली पाँव भी निकले तो पायल सी खनक उठती है, रात चमक उठती है पायल सी खनक उठती है, रात चमक उठती है जहाँ-जहाँ से वो गुज़रे जहाँ-जहाँ से वो गुज़रे इक शम्मा सी जलती है वो लड़की जब वो लड़की जब घर से निकलती है वो लड़की जब घर से निकलती है चाहने वालों की एक भीड़ सी साथ में चलती है वो लड़की जब वो लड़की जब घर से निकलती है वो लड़की जब घर से निकलती है वो लड़की जब घर से निकलती है

Written by: Laxmikant Pyarelal, Mumtaz RashidLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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