Kabhi Dar Se

Pankaj Udhas

कभी दर से दीवारो से कभी घर की दरारओ से कभी रेशम बहारो से कभी रिमझिम नज़ारो से मेरे कमरे मे चुपके से किरण सूरज की आएगी तुम्हारी याद लाएगी मुझे हर पल सताएगी हर पल सताएगी कभी दर से दीवारो से कभी घर की दरारओ से कभी रेशम बहारो से कभी रिमझिम नज़ारो से मेरे कमरे मे चुपके से किरण सूरज की आएगी तुम्हारी याद लाएगी मुझे हर पल सताएगी हर पल सताएगी तुझसे कहता हैं मेरा दिल आके मुझसे टू ज़रा मिल तेरे बिन सुने हैं सागर तेरे बिन सुना हैं साहिल साथ गुज़रे थे जो पल कल याद आते हैं वोही पल टू अगर नही आया तो जान मेरी जाएगी कभी दर से दीवारो से कभी घर की दरारओ से कभी रेशम बहारो से कभी रिमझिम नज़ारो से मेरे कमरे मे चुपकेसे किरण सूरज की आएगी तुम्हारी याद लाएगी मुझे हर पल सताएगी हर पल सताएगी तन्हा तन्हा यह सफ़र हैं ढूंडती तुझको नज़र हैं मेरी आवाज़े टू सुन ले मेरे सपने फिर से बुन ले तेरे बिन यह दिल कहा हैं मेरे दिल का टू जहा हैं तेरे बिन मेरी जिंदगी एब्ब तो जी नही पाएगी कभी दर से दीवारो से कभी घर की दरारओ से कभी रेशम बहारो से कभी रिमझिम नज़ारो से मेरे कमरे मे चुपकेसे किरण सूरज की आएगी तुम्हारी याद लाएगी मुझे हर पल सताएगी हर पल सताएगी

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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