Tu Kahe Agar

Nitin Mukesh

तू कहे अगर तू कहे अगर तू कहे अगर जीवन भर मैं गीत सुनाता जाऊं मन बिन बजाता जाउ तू कहे अगर और आज मैं अपने दिल की हर दिल मैं लगता जाउ दुःख दर्द मिटा त जाउ तू कहे अगर हो मैं साज़ हूँ तू सरगम है मैं साज़ हूँ तू सरगम है देती जा सहारे मुझको देती जा सहारे मुझको मैं राग हूँ तू बिना है मैं राग हूँ तू बिना है इस डैम जो पुकारे तुझको आवाज़ में तेरी हर दम आवाज़ मिलाता जाओ आकाश पे छाता जाउ तू कहे अगर हु इन बोलों में मैं समझूँ या तू जाने या तू जाने हा जाने हु इन बोलों में मैं समझूँ या तू जाने इन में है कहानी मेरी इन में है तेरे अफ़साने इन में है तेरे अफ़साने तू साज़ उठा उल्फ़त का मैं झूम के गाता जाओ सपनो को जगाता जाओ तू कहे अगर तू कहे अगर जीवन भर मैं गीत सुनाता जाऊं मन बिन बजाता जाउ तू कहे अगर

Written by: Majrooh SultanpuriLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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