Teri Jheel Si Gehri Ankhon Men

Vani Jairam, Nitin Mukesh

तेरी झील सी गहरी आँखो में कुच्छ देखा मैंने क्या देखा मैं समझ गयी रे दीवाने तूने रत कोई सपना देखा तेरी झील सी गहरी आँखो में कुच्छ देखा मैंने क्या देखा मैं समझ गयी रे दीवाने तूने रत कोई सपना देखा तेरी झील सी गहरी आँखो में सांसो में च्चिपी धड़कन के संग जब प्यार ने ली थी अंगड़ाई एक स्वर्ग पारी च्चां च्चां करती बाँहो में मेरे आ शरमाई मदमस्त जवानी का पॅल्को पे आँचल मैं छिपना देखा मैं समझ गयी रे दीवाने तूने रत कोई सपना देखा तेरी झील सी गहरी आँखो में अमृत के सागर की श्रुति मंदिर के दीपक की ज्योति अल्हड़ कमलो में च्छूपे हुए हीरे नीलम माणिक मोटी तेरी उठती झुकती पॅल्को में तेरी उठती झुकती पॅल्को में सूरज देखा चंदा देखा मैं समझ गयी रे दीवाने तूने रत कोई सपना देखा तेरी झील सी गहरी आँखो में.

Written by: Rameshwar Tyagi, Shamji-GhanshaamjiLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store