Boond Boond
Jubin Nautiyal, नीति मोहन
बूँ नारी नारी
ना ना नारी नारी वो ओ ओ ओ ओ नारी
बूँद बूँद में गुम सा है
ये सावन भी तो तुम सा है
बूँद बूँद में गुम सा है
ये सावन भी तो तुम सा है
एक अजनबी अहसास है
कुछ है नया कुछ ख़ास है
कसूर ये सारा मौसम का है
बूँद बूँद में गुम सा है (बूँद बूँद में)
ये सावन भी तो तुम सा है (ये सावन भी तो)
चलने दो मनमर्ज़ियाँ होने दो गुस्ताखियाँ
फिर कहाँ ये फुरसतें फिर कहाँ नज़दीकियाँ
कह दो तुम भी कहीं लापता तो नहीं
दिल तुम्हारा भी कुछ चाहता तो नहीं
बूँद बूँद में गुम सा है
ये सावन भी तो तुम सा है
एक अजनबी अहसास है
कुछ है नया कुछ ख़ास है
कसूर ये सारा मौसम का है
बूँद बूँद में गुम सा है
ये सावन भी तो तुम सा है
सिर्फ एक मेरे सिवा कुछ और ना देख तू
ख्वाहिशों के शहर में एक मैं हूँ एक तू
तुझको आना है तो बन के तू साँस आ
ना रहे दूरियाँ इस कदर पास आ
बूँद बूँद में गुम सा है
ये सावन भी तो तुम सा है
बस ये इजाज़त दे मुझे
जी भर के मैं पी लूँ तुझे
मैं प्यार हूँ और तू शबनम सा है
बूँद बूँद में गुम सा है (बूँद बूँद में)
ये सावन भी तो तुम सा है (ये सावन भी तो)
Written by: ARKAPRAVO MUKHERJEE, MANOJ MUNTASHIR SHUKLA, SANJAY GUPTALyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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