Zamana Jo Ankhen Dikhata Hai

Mohammed Rafi

ज़माना जो आँखें दिखता है तुझको ज़माने को आँखें दिखाए चला चल इसी में तेरी शान है आए मुसाफिर कदम अपना आयेज बढ़ाए चला चल चला चल मुसाफिर किनारे किनारे किनारे किनारे प्रभु के भरोशे प्रभु के भरोशे प्रभु के सहारे किनारे किनारे किनारे किनारे अभी से ना छोड़ अपना तू दिल मुसाफिर अभी डोर है तेरी मंज़िल मुसाफिर उसी की है मंज़िल जो उसी की है मंज़िल जो हिम्मत ना हारे किनारे किनारे किनारे किनारे चला चल मुसाफिर किनारे किनारे तेरा काम चलना है रुकना नही है झुकना है दुनिया को झुकना नही है ज़माना झुके सर को ज़माना झुके सर को ठोकर ना मारे किनारे किनारे किनारे किनारे हुआ है किसी का ना होगा ज़माना तेरे हाथ है अपनी बिगड़ी बनाना ना छोड़ अपनी कश्ती ना छोड़ अपनी कश्ती किसी के सहारे किनारे किनारे

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