Mangi Thi Ek

Mahendra Kapoor

मांगी थी एक दुआ जो कुबूल हो गयी मांगी थी एक दुआ जो कुबूल हो गयी उम्मीद की कली खिलके फूल हो गयी मांगी थी एक दुआ जो कुबूल हो गयी हम सोचते थे ये दिल मुफ्त में दिया हम सोचते थे ये दिल मुफ्त में दिया कितना हसी मगर तोहफा हमें मिला कीमत हमारे प्यार की वसूल हो गयी मांगी थी एक दुआ जो कुबूल हो गयी मांगी थी एक दुआ जो कुबूल हो गयी अबके बहार में दिल मेरा खिल गया हो अबके बहार में दिल मेरा खिल गया जिसकी थी आरज़ू वो मुझको मिल गया जन्नत मेरे लिए अब फ़िज़ूल हो गयी मांगी थी एक दुआ जो कुबूल हो गयी उम्मीद की कली खिलके फूल हो गयी मांगी थी एक दुआ जो कुबूल हो गयी

Written by: ANAND BAKSHI, R D BURMANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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