Zara Ruk Ruk Ke

Lata Mangeshkar

ज़रा रुक रुक के ज़रा थम थम के मै तो द्वार चली सखि बालम के मै तो द्वार चली सखि बालम के ज़रा रुक रुक के हो ज़रा थम थम के मै तो द्वार चली सखि बालम के मै तो द्वार चली सखि बालम के मेरी अखियों में धार है काजल की, धार काजल की मेरी जुल्फों में लहर है बादल की, धार बादल की मेरी पायल में सुर है सरगम के मेरी पायल में सुर है सरगम के हो ज़रा रुक रुक के, हो ज़रा थम थम के मै तो द्वार चली सखि बालम के मै तो द्वार चली सखि बालम के मेरे दिल में लगन जब तेरी है मेरे दिल में मेरे दिल में लगन जब तेरी है फिर गम क्या जो रात अधेरी है मेरी बिंदिया, हो मेरी बिंदिया का सैयां चम चम चमके मै तो द्वार चली सखि बालम के मै तो द्वार चली सखि बालम के मैंने देखी है झलक इक साजन की इक साजन की अब प्यास बुझी मेरी अखियन की मेरी अखियन की जलि जोत ख़ुशी की गए दिन गम के हो ज़रा रुक रुक के, हो ज़रा थम थम के मै तो द्वार चली सखि बालम के मै तो द्वार चली सखि बालम के

Written by: C Ramchandra, Rajendra KrishnaLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store