Patli Kamar Hai
Mukesh, Lata Mangeshkar
पतली कमर है, तिरछी नज़र है
पतली कमर है, तिरछी नज़र है
खिले फूल सी तेरी जवानी
कोई बताये कहाँ क़सर है
पतली कमर है, तिरछी नज़र है
आ आ आजा मेरे मनचाहे बालम
आजा तेरा आँखों में घर है
आजा तेरा आँखों में घर है
होय
मैं चंचल मदमस्त पवन हूँ
मैं चंचल मदमस्त पवन हूँ
घूम घूम हर कली को चुमूँ
घूम घूम हर कली को चुमूँ
बिछड़ गयी
बिछड़ गयी मैं घायल हिरणी
तुमको ढूँढूँ, बन बन घूमूँ
मेरी ज़िंदगी मस्त सफ़र है
मेरी ज़िंदगी मस्त सफ़र है
पतली कमर है, तिरछी नज़र है
आ आ आजा मेरे मनचाहे बालम
आजा तेरा आँखों में घर है
आजा तेरा आँखों में घर है
तुम बिन नैनों की बरसातें
रोक न पाऊँ लाख मनाऊँ
तुम बिन नैनों की बरसातें
रोक न पाऊँ लाख मनाऊँ
मैं बहती दरिया का पानी
मैं बहती दरिया का पानी
खेल किनारों से बढ़ जाऊँ
खेल किनारों से बढ़ जाऊँ
बँध ना पाऊँ
नया नगर नित नयी डगर है
पतली कमर है, तिरछी नज़र है
आ आ आजा मेरे मनचाहे बालम
आजा तेरा आँखों में घर है
आजा तेरा आँखों में घर है
होय
पतली कमर है, तिरछी नज़र है
पतली कमर है, तिरछी नज़र है
Written by: SHAILENDRA, Shankar-JaikishanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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