Bahut Bura Hai Haal Tere Mehboob Ka

Lata Mangeshkar

बहुत बुरा है हाल तेरे मजबूर का कब टूटेगा बलम फासला दूर का बहुत बुरा है हाल तेरे मजबूर का कब टूटेगा बलम फासला दूर का मैं तड़पुं निस दिन हाय चैन नहीं आये जिया है भारी दिल में आग लगाए बदरिया कारी मैं तड़पुं निस दिन हाय चैन नहीं आये जिया है भारी दिल में आग लगाए बदरिया कारी पिया सांवरे दिया है मुझ को बदला कौन कुसूर का कब टूटेगा बलम फासला दूर का बहुत बुरा है हाल तेरे मजबूर का कब टूटेगा बलम फासला दूर का उठाऊँ कब तक ग़म का भार बुरा संसार ना भाए जिना बहती है दिन रात आँख की मीणा उठाऊँ कब तक ग़म का भार बुरा संसार ना भाए जिना बहती है दिन रात आँख की मीणा दिल का सौदा कर सौदागर मौसम नहीं ग़ुरूर का कब टूटेगा बलम फासला दूर का बहुत बुरा है हाल तेरे मजबूर का कब टूटेगा बलम फासला दूर का

Written by: Adil, Roshan, UdhavLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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