Ab Woh Raaten Kahan

Lata Mangeshkar

मुस्कुराती कहीं मुझसे बाते कही अब वो रातें कहाँ अब वो बातें कहाँ वो मेरे प्यार की चाँदनी लुट गई दिल लुटा दिल के रंगीन अरमान लुटे मेरी दुनिया मेरी ज़िन्दगी लुट गई अब वो रातें कहाँ मुझको अपनी खबर थी न दिल की खबर कैसी मदहोष थी मेरी शाम-ओ-सहर तेरे शाने पे था हर घड़ी मेरा सर तेरे शाने पे था हर घड़ी मेरा सर हाय कितनी हसीं बेखुदी लुट गई अब वो रातें कहाँ अब वो बातें कहाँ वो मेरे प्यार की चाँदनी लुट गई अब वो राते कहाँ फूल मुरझा गए चाँद दहला गया एक अँधेरा सा हर चीज़ पर छा गया फूल मुरझा गए चाँद दहला गया एक अँधेरा सा हर चीज़ पर छा गया दूर मेरी निगाहों से तू क्या गया दूर मेरी निगाहों से तू क्या गया मेरी आँखों की भी रौशनी लुट गई अब वो रातें कहाँ अब वो बातें कहाँ वो मेरे प्यार की चाँदनी लुट गई अब वो राते कहाँ

Written by: C Ramchandra, Jan Nishar AkhtarLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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