Samane Baithi Raho
Alka Yagnik, Kumar Sanu
हे हे हे
हो हो हो हो
हे हे आ
सामने बैठी रहो दिल को करार आएगा
सामने बैठी रहो दिल को करार आएगा
बड़ा बेताब है, थोड़ा तो संभल जाएगा
ऐसे ना देखो सनम मुझको शरम आती है
तेज़ धड़कन है,मेरी आँख झुकी जाती है
ऐसे ना देखो सनम मुझको शरम आती है
रोज़ आती हो मेरी जान चली जाती हो
आने जाने में ही सब वक़्त गुज़र जाता है
हर जगह देखता रहता हूँ तुम्हारा चेहरा
मेरी नज़ारो को ना कुछ और नज़र आता है
सामने बैठी रहो दिल को करार आएगा
बड़ा बेताब है, थोड़ा तो संभल जाएगा
ऐसे ना देखो सनम मुझको शरम आती है
क्यूँ मेरे हुस्न की, तारीफ़ किया करते हो
हद से भी ज़्यादा ना हो जाऊ मैं मगरूर कहीं
ऐसे हालात में ना, कोई ख़ता हो जाए
ऐसी बातों से ना हो जाऊ, मैं मजबूर कहीं
ऐसे ना देखो सनम, मुझको शरम आती है
तेज़ धड़कन है, मेरी आँख झुकी जाती है
सामने बैठी रहो दिल को करार आएगा
तुम तो रहती हो सुबह शाम मेरी यादों में
तुम मेरा दिल हो मेरी जान हो मेरी धड़कन हो
जिस हँसीन डोर से हर साँस बँधी है मेरी
तुम मेरे प्यार का नाज़ुक सा वही बंधन हो
सामने बैठी रहो दिल को करार आएगा
सामने बैठी रहो दिल को करार आएगा
बड़ा बेताब है थोड़ा तो संभल जाएगा
ऐसे ना देखो सनम मुझको शरम आती है
तेज़ धड़कन है, मेरी आँख झुकी जाती है
ऐसे ना देखो सनम मुझको शरम आती है
Written by: JATIN LALIT, SAMEER LALJI ANJAANLyrics © Royalty Network, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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