Hasraten Hai Bahut Magar

Kumar Sanu, Sadhana Sargam

हसरते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु हसरते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु लेके बाँहों मैं तुम्हे प्यार करता रहु ख्वाहिशें है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु ख्वाहिशें है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु हद से आगे गुजर के भी अब मोहब्बत करू हसरते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु लेके बाँहों मैं तुम्हे प्यार करता रहु जाने वफ़ा जाने जहा ऐसी अदा होगी कहा देखा सनम मैने तुम्हे बहके मेरे कदम आँखे मिली पलके झुकी जादू जगा साँसे रुकी ऐसे मुझे छेड़ो ना तुम आए बड़ी शरम चाहते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु चाहते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु लेके बाँहों मैं तुम्हे प्यार करता रहु ख्वाहिशें है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु हद से आगे गुजर के भी अब मोहब्बत करू बेचैन मे होने लगी जाने कहा खोने लगी खुशबू बिना मेहका बदन छाने लगा नशा मैने कहा तुमने सुना धड़कन बनी दिल की ज़ुबान तन्हा यहा हम जो मिले आने लगा मज़ा आरजू है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु आरजू है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु हद से आगे गुजर के भी अब मोहब्बत करू हसरते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु लेके बहो मैं तुम्हे प्यार करता रहु हद से आगे गुजर के भी अब मोहब्बत करू लेके बाहो मैं तुम्हे प्यार करता रहू हद से आगे गुजर के भी अब मोहब्बत करू

Written by: NADEEM SAIFI, SAMEER, SHRAVAN RATHODLyrics © Royalty Network, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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