Do Panchhi Do Tinke

Kishore Kumar, आरती मुखर्जी

दो पंछी दो तिनके कहो ले के चले है कहा हो दो पंछी दो तिनके कहो ले के चले है कहा ये बनाएँगे एक आशिया ये बनाएँगे एक आशिया दो पंछी दो तिनके कहो ले के चले है कहा ये बनाएँगे एक आशिया ये बनाएँगे एक आशिया ये तो अपनी ही धुन में गाए ऊँचे ऊँचे उड़ती जाए इनकी मस्ती को और बढ़ाये सावन की ये हवाएं मंज़िल के मतवाले देखो छूने चले आसमान हो मंज़िल के मतवाले देखो (हो हो हो) छूने चले आसमान (हो हो हो) ये बनाएँगे एक आशिया (ये बनाएँगे एक आशिया) ये बनाएँगे एक आशिया (ये बनाएँगे एक आशिया) एक फूलों भरी हो डाली और उस पर हो बसेरा कुछ ऐसा ही मीठा मीठा हैं सपना तेरा मेरा ये सपना सच होगा कह रही धड़कनो की जुबां हो ये सपना सच होगा (हो हो हो) कह रही धड़कनो की जुबां (हो हो हो) हम बनाएंगे एक आशिया (हम बनाएंगे एक आशिया) हम बनाएंगे एक आशिया (हम बनाएंगे एक आशिया) हम बनाएंगे एक आशिया (हम बनाएंगे एक आशिया) हम बनाएंगे एक आशिया (हम बनाएंगे एक आशिया) हम बनाएंगे एक आशिया (हम बनाएंगे एक आशिया)

Written by: M G Hashmat, Ravindra JainLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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