Sahi Galat

Amitabh Bhattacharya, King, Devi Sri Prasad

तू जहाँ से देखता है मैं ग़लत हूँ तू सही देख मेरी नज़रो से ग़लत में कुछ ग़लत नही करना है जो करके ही रहूँगा मैने तय किया ग़लत को भी सही तरह से करने का निश्‍चय किया लगता है तो देख ज़ुर्म का ज़िम्मेदार हूँ मैं जब सबूत ही नही तो कैसे गुनेहगार मैं पुर होश-ओ-हवस मैं किया जो है किया ग़लत को भी सही तरह से करने का निश्‍चय किया तीर की तरह छलके अपने हर उपाय को मेरे हर कदम के आड़े आने वाले न्याय को साम दाम दंड भेद से भी मैने तय किया ग़लत को भी सही तरह से करने का निश्‍चय किया समझना खुदको मुझसे तेज़ तेरी भूल है सियार जैसी होशियार ये फ़िज़ूल है तेरा ख़याल ठेकेदार है तू वक़्त का बदल के रहता है ये वक़्त का असूल है हरकतों पर कब तलक मेरी नज़र रखेगा तू करते करते पहरेदारी एक दिन थकेगा तू मैं मगर नही थकुन्गा फ़ैसला है ये किया ग़लत को भी सही तरह से करने का निश्‍चय किया

Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store

Related songs