Dil Ka Kya Kare Saheb
Kavita Krishnamurthy
आ आ आ आ आ
धीनक धीन धी धीन धीनक धीन धा
धीनक धीन धी धीन धीनक धीन धा
धीनक धीन धी धीन धीनक धीन धा
धीनक धीन धी धीन धीनक धीन धा
कभी सोचते है उन्हे हम भूलादे
कभी सोचते है उन्हे याद करले
धीनक धीन धी धीन धीनक धीन धा
धीनक धीन धी धीन धीनक धीन धा
ओ कभी हम जुदाई के सदमे ऊठाले
कभी हम अकेले मे फरियाद करले
दिल का क्या करे साहिब
दिल का क्या करे साहिब
हम उन्ही पे मरते है
दिल का क्या करे साहिब
हम उन्ही पे मरते है
जुर्म बस इतना है जुर्म बस इतना है
जुर्म बस इतना है ओ जुर्म बस इतना है
उनसे प्यार करते है
दिल का क्या करे साहिब
हम उन्ही पे मरते है
दिल का क्या करे साहिब
धीनक धीन धी धीन धीनक धीन धा
धीनक धीन धी धीन धीनक धीन धा
बेकरारी का दर्द ना जाने
ये तो पागल है बात ना माने
ना ना ना
नैन मिलते ही चैन खो जाए
एक नज़र मे ही इश्क हो जाए
समुंदर से जाके करे इल्तीज़ा
अगर मौज हो तो उसे मोड़ दे
कभी जान तेरा लगाले लगन
ये शीशा जो हो तो इसे तोड़ दे
दिल का क्या करे साहिब (साहिब साहिब साहिब)
अरे दिल का क्या करे साहिब
हम उन्ही पे मरते है
जुर्म बस इतना है जुर्म बस इतना है
जुर्म बस इतना है ओ जुर्म बस इतना है
उनसे प्यार करते है
दिल का क्या करे साहिब
सा सा ग रे गा सा रे गा गा गा गा म पा
?
आ आ आ
धीनक धीन धी धीन धीनक धीन धा
धीनक धीन धी धीन धीनक धीन धा
ये वफ़ा क्या है एक धोखा है
पर दीवानो को किसने रोका है (आ आ आ आ)
झूठे वादे है झूठी कसमे है
लोग कहते है झूठी रस्मे है
यहा बेअसर है सदाये सभी
यहा सब मोहब्बत मे नाकाम है
यहा चाहतो का गुजारा नही
ये गलिया ये कुचे तो बदनाम है
दिल का अरे दिल का
हाय दिल का क्या करे साहिब
हम उन्ही पे मरते है
जुर्म बस इतना है जुर्म बस इतना है
जुर्म बस इतना है ओ जुर्म बस इतना है
उनसे प्यार करते है
दिल का क्या करे साहिब (साहिब साहिब)
हम उन्ही पे मरते है
दिल का क्या करे साहिब (क्या करे)
दिल का क्या करे साहिब (क्या करे)
दिल का क्या करे साहिब (क्या करे)
दिल का क्या करे साहिब
आ आ आ आ
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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