तू खुद की खोज मे निकल तू किस लिए तू हताश है
तू चल तेरी ज़िंदगी समय के लिए तलाश है
समय के लिए तलाश है
कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़िया सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई
उजियारे कैसे अंगारे जैसे
छावन छली धूप मैली
क्यूँ है री
कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़िया सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई
तितलियों के पंखों पर रख दिए गये पत्थेर
आए खुदा तू घूम है कहाँ रेशमी लिबासो के
चीरते है कुछ खंजर
ए खुदा तू घूम है कान
क्या रीत चल पड़ी है
क्या आग जल पड़ी है
क्या चीज है सूरमाई धुआँ
क्या रीत चल पड़ी है
क्या आग जल पड़ी है
क्या चीज है सूरमाई धुआँ
कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़ियाँ सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई
पंखड़ी की बेटी है
कंकरों पे लेती है
बारिशें हैं तेज़ाब की
ना ये उठ के चलती है
ना चीता में जलती है
लाश है ये किस ख्वाब की
रातों में पल रही हैं
सड़कों पे चल रही हैं
क्यू बाल खोलें दहशतें यहाँ
रातों में पल रही हैं
सड़कों पे चल रही हैं
क्यू बाल खोलें दहशतें यहाँ
कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़िया सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई
तू खुद की खोज मे निकल तू किस लिए तू हताश है
तू चल तेरी ज़िंदगी समय के लिए तलाश है
समय के लिए तलाश है
Written by: SHANTANU MOITRA, TANVEER GHAZILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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