Aaye Teri Roop Rachana

क. स. चित्रा, एस पी बालसुब्रमण्यम

यह तेरी रूप रचना लगती हैं स्वर्ग जेसी अंग अंग चमके तेरा जेसे सागर चमकता हुआ झील-मिल झील-मिल करता यह तेरा प्रेम सजना लगता हैं स्वर्ग जैसा आया हो आकाश से जैसे बादल बरसता हुआ रिम-झिम रिम-झिम करता खोई हुई अपनी सदियो पुरानी जोड़ी बोले यूँ सहनाईया जानती हूँ कितने जन्मो से तेरी दासी हूँ मेरे पिया जैसे कोई मुश्कूराता फूल हैं तू प्यार का फूलो की आरज़ू जानले तू सजना कब से हैं प्यासा ये भावरा फूलो के चुंबन का यह तेरा प्रेम सजना लगता हैं स्वर्ग जैसा आया हो आकाश से जैसे बादल बरसता हुआ झील-मिल झील-मिल करता तू शृंगार मेरा तू सपनो का राजा सांसो में रहेता सदा तुम हो जान मेरी अरे ओ सपनो की रानी सांसो में तुम हो सदा तू हैं मेरे चंद्रमा मैं हूँ तेरी पूर्णिमा रागिनी हैं तू मेरी आ मुझे गले लगा रसिया बसिया मेरे सजना औरो से डोर लेजा यह तेरी रूप रचना लगती हैं स्वर्ग जेसी अंग अंग चमके तेरा जेसे सागर चमकता हुआ झील-मिल झील-मिल करता यह तेरा प्रेम सजना लगता हैं स्वर्ग जैसा आया हो आकाश से जैसे बादल बरसता हुआ झील-मिल झील-मिल करता

Written by: P K Mishra, sureshLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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