Govind Bolo

Jubin Nautiyal

बोल बोल के थक गये तुम दुनिया के सारे बोल बोल बोल के थक गये तुम बोल बोल के थक गये तुम दुनिया के सारे बोल साँसों में जपले कान्हा धडकन में राधे बोल गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो राधा रमण हरी गोविन्द बोलो बोलो बोलो बोलो गोविंदा बोलो बोलो बोलो गोपाला बोलो बोलो बोलो गोविंदा बोलो बोलो बोलो गोपाला हाँ हाँ हाँ हम्म बनवासी तन में मीरा ढूँढे वृन्दावन का अँगना राधा की प्यासी आँखों से छलके श्याम नाम की यमुना बनता है क्यूँ तू पगले खुद ही खुद की बाधा तू भी ढून्ढ ले खुद में जा के कोई मीरा कोई राधा यार बना ले उस रब को जो पार लगता है सबको वो चाहे तो मिल जाए जग के सारे गोल बोल बोल बोल बोल बोल बोल बोल गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो राधा रमण हरी गोविन्द बोलो गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो राधा रमण हरी गोविन्द बोलो बोलो बोलो बोलो गोविंदा बोलो बोलो बोलो गोपाला बोलो बोलो बोलो गोविंदा बोलो बोलो बोलो गोपाला

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