Tujhse Milne Ki Saza Denge
Jagjit Singh
तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग
तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग
ये वफ़ाओं का सिला देंगे तेरे शहर के लोग
तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग
क्या ख़बर थी तेरे मिलने पे क्यामत होगी
क्या ख़बर थी तेरे मिलने पे क्यामत होगी
मुझको दीवाना बना देंगे तेरे शहर के लोग
मुझको दीवाना बना देंगे तेरे शहर के लोग
तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग
तेरी नज़रों से गिराने के लिये जान-ए-हया
तेरी नज़रों से गिराने के लिये जान-ए-हया
मुझको मुजरिम बना देंगे तेरे शहर के लोग
मुझको मुजरिम बना देंगे तेरे शहर के लोग
तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग
कह के दीवाना मुझे मार रहें हैं पत्थर
कह के दीवाना मुझे मार रहें हैं पत्थर
और क्या इस के सिवा देंगे तेरे शहर के लोग
तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग
ये वफ़ाओं का सिला देंगे तेरे शहर के लोग
Written by: DANISH ALIGARHI, JAGJIT SINGHLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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