Sadma To Hai Mujhe Bhi Ki Tujhse Juda Hoon Main
Jagjit Singh
सदमा तो है मुझे भी के
तुझसे जुदा हूँ मैं
सदमा तो है मुझे भी के
तुझसे जुदा हूँ मैं
लेकिन ये सोचता हूँ के
अब तेरा क्या हूँ मै
सदमा तो है मुझे भी के
तुझसे जुदा हूँ मैं
बिखरा पड़ा है तेरे ही घर
में तेरा वजूद
बिखरा पड़ा है तेरे ही घर
में तेरा वजूद
बेकार महफिलों में
तुझे ढूँडता हूँ मैं
बेकार महफिलों में
तुझे ढूँडता हूँ मैं
क्या जाने किस अदा से लिया
तूने मेरा नाम
क्या जाने किस अदा से लिया
तूने मेरा नाम
दुनिया समझ रही है के सब
कुछ तेरा हूँ मैं
लेकिन ये सोचता हूँ के
अब तेरा क्या हूँ मै
सदमा तो है मुझे भी के
तुझसे जुदा हूँ मैं
ले मेरे तजुर्बों से
सबक़ ऐ मेरे रक़ीब
ले मेरे तजुर्बों से
सबक़ ऐ मेरे रक़ीब
दो चार साल उम्र में
तुझसे बड़ा हूँ मैं
लेकिन ये सोचता हूँ के
अब तेरा क्या हूँ मै
सदमा तो है मुझे भी के
तुझसे जुदा हूँ मैं
Written by: JAGJIT SINGH, QATEEL SHIFAILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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