Nazar Nazar Se
Jagjit Singh
नज़र नज़र से मिलाकर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से मिलाकर शराब पीते हैं
हम उनको पास बिठाकर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से मिलाकर शराब पीते हैं
इसीलिए तो अँधेरा है मैकदे में बहुत
इसीलिए तो अँधेरा है मैकदे में बहुत
यहाँ घरों को जलाकर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से मिलाकर शराब पीते हैं
हम उनको पास बिठाकर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से मिलाकर शराब पीते हैं
हमें तुम्हारे सिवा कुछ नज़र नहीं आता
हमें तुम्हारे सिवा कुछ नज़र नहीं आता
तुम्हें नज़र में सजाकर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से मिलाकर शराब पीते हैं
हम उनको पास बिठाकर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से मिलाकर शराब पीते हैं
उन्हीं के हिस्से मे आती है प्यास ही अक्सर
उन्हीं के हिस्से मे आती है प्यास ही अक्सर
जो दूसरों को पिलाकर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से मिलाकर शराब पीते हैं
हम उनको पास बिठाकर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से मिलाकर शराब पीते हैं
Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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