Ek Baras Beet Gaya

Jagjit Singh

एक बरस बीट गया, एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया झुल्साटा जैत माज़ झुल्साटा जैत माज़ शरद चाँदनी उदास झुल्साटा जैत माज़ शरद चाँदनी उदास सिसकी भरते सावन का सिसकी भरते सावन का अंतर घाट रीत गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया सीकचों में सिमटा जाग सीकचों में सिमटा जाग किंतु विकल प्राण विनाग सीकचों में सिमटा जाग किंतु विकल प्राण विनाग धरती से अंबार तक धरती से अंबार तक गूँज मुक्ति गीत गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया पाठ निहारते नयन पाठ निहारते नयन गिनते दिन, पल चीन पाठ निहारते नयन गिनते दिन, पल चीन लौट कभी आएगा लौट कभी आएगा मान का जो मीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया एक बरस बीट गया

Written by: Atal Bihari Vijpayyee, Jagjit SinghLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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