Tum Roothi Raho
Mukesh, Hero And King Of Jhankar Studio, Lata Mangeshkar
तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूं
तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूं
की इन अदाओं पे और प्यार आता है
इन अदाओं पे और प्यार आता है
थोड़े शिक़वे भी हों
कुछ शिकायत भी हो
थोड़े शिक़वे भी हों
कुछ शिकायत भी हो
तो मज़ा जीने का और भी आता है
मज़ा जीने का और भी आता है
हाय दिल को चुराकर ले गया
मुँह छुपा लेना हमसे वो आपका
मुँह छुपा लेना हमसे वो आपका
देखना वो बिगड़ कर फिर हमें
और दाँतों में उंगली का दाबना
और दाँतों में उंगली का दाबना
ओ मुझे तेरी क़सम यही समान मार गया
इसी जलवे पे तेरे
दोनों जहाँ हार गया
तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूं
की इन अदाओं पे और प्यार आता है
इन अदाओं पे और प्यार आता है
थोड़े शिक़वे भी हों
कुछ शिकायत भी हो
तो मज़ा जीने का और भी आता है
मज़ा जीने का और भी आता है
ये ना समझो की तुमसे दूर हूँ
ये ना समझो की तुमसे दूर हूँ
तेरे जीवन की प्यार भरी आस हूँ
तेरे जीवन की प्यार भरी आस हूँ
चाँद के संग जैसे है चाँदनी
वैसे मैं भी तेरे दिल के पास हूँ
वैसे मैं भी तेरे दिल के पास हूँ
हाय वो दिल ही नहीं जो ना धड़कना जाने
और दिलदार नहीं जो ना तड़पना जाने
थोड़े शिक़वे भी हों कुछ शिकायत भी हो
तो मज़ा जीने का और भी आता है
मज़ा जीने का और भी आता है
तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूं
की इन अदाओं पे और प्यार आता है
इन अदाओं पे और प्यार आता है
Written by: Hasrat Jaipuri, Shankar-JaikishanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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