Jane Kya Hai Tujhme Aaisa
हेमलता, जसपाल सिंह
जाने क्या हैं तुझमे ऐसा
जाने क्या हैं तुझमे ऐसा
तू कड़वा मीठा जैसा भी बोले
हमे लागे मिस्री जैसा
मन को जो भा जाए
मन को जो भा जाए
वही अच्छा लागे
फिर उसके आगे कोई
और नज़र ना आए
मान को जो भा जाए हो (मन को जो भा जाए हो)
नादिया किनारे कभी
नीचे किसी पेड़ के
छेड़े ऐसी बंसी
रख दिया हमे छेड़ के
बाँसुरी बजाना हमने
सीखा घनश्याम से
तभी तो तुम्हे पुकारे
राधा राधा नाम से
तू सावरा मैं सावरी
मैं बावरा तू बावरी
जाने क्या हैं तुझमे ऐसा ओ हो
जाने क्या हैं तुझमे ऐसा
तू कड़वा मीठा जैसा भी बोले
हमे लागे मिस्री जैसा
मान को जो भा जाए हो ओ
ओ हो ओ हो
आ हा आ हा आ आ
उलझा के हमको प्रेम जल में
दूर नही रहना इस हाल में
ज्योत्सी कहके इसी साल में
जाएगी तू ससुराल में
इक उम्मीद है इक प्यास हैं
मिल जाएँगे विस्वास हैं
मान को जो भा जाए ओ ओ
झगड़े लड़ाई वही होते जहा प्यार हो
प्यार हो जहा पे वही मान मनुहार हो
मान मनुहार चले जहा अधिकार हो
जहा अधिकार वाहा जीत कभी खार हो
अब हर हो चाहे जीत हो (अब हर हो चाहे जीत हो)
पर कम कभी ना प्रीत हो (पर कम कभी ना प्रीत हो)
मन को जो भा जाए
ओ हो
मन को जो भा जाए (मन को जो भा जाए)
वही अछा लगे (वही अछा लगे)
फिर उसके आयेज कोई (फिर उसके आयेज कोई)
और नज़र ना आए (और नज़र ना आए)
मान को जो भा जाए हो
ओ हो
ओ हो
ओ हो
ओ हो
ओ हो
Written by: RAVINDRA JAINLyrics © Royalty Network, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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