Ganga Aaye Kahan Se

हेमंत कुमार

गंगा आये कहाँ से, गंगा जाये कहाँ रे आये कहाँ से, जाये कहाँ रे लहराये पानी में जैसे धूप-छाँव रे गंगा आये कहाँ से, गंगा जाये कहाँ रे लहराये पानी में जैसे धूप-छाँव रे गंगा आये कहाँ से, गंगा जाये कहाँ रे लहराये पानी में जैसे धूप-छाँव रे रात कारी दिन उजियारा मिल गये दोनों साये रात कारी दिन उजियारा मिल गये दोनों साये साँझ ने देखो रंग रुप्प के कैसे भेद मिटाये रे लहराये पानी में जैसे धूप-छँव रे गंगा आये कहाँ से, गंगा जाये कहाँ रे लहराये पानी में जैसे धूप-छँव रे काँच कोई माटी कोई रंग-बिरंगे प्याले काँच कोई माटी कोई रंग-बिरंगे प्याले प्यास लगे तो एक बराबर जिस में पानी डाले रे लहराये पानी में जैसे धूप-छँव रे गंगा आये कहाँ से, गंगा जाये कहाँ रे लहराये पानी में जैसे धूप-छँव रे नाम कोई बोली कोई लाखों रूप और चेहरे हो ओ ओ ओ नाम कोई बोली कोई लाखों रूप और चेहरे खोल के देखो प्यार की आँखें सब तेरे रे मेरे लहराये पानी में जैसे धूप-छँव रे गंगा आये कहाँ से, गंगा जाये कहाँ रे लहराये पानी में जैसे धूप-छँव रे गंगा आये कहाँ से, गंगा जाये कहाँ रे

Written by: Gulzar, Salil ChowdhuryLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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