Ye Dhoop Ek Safar
Hariharan
यह धुप इक सफ़र
चमके तोह है सहर
यह धुप इक सफ़र
चमके तोह है सहर
सुलगे तोह दोपहर
सिमटे तोह सुना घर
सुलगे तोह दोपहर
सिमटे तोह सुना घर
यह धुप इक सफ़र
चमके तोह है सहर
यह धुप इक सफ़र
चमके तोह है सहर
सुलगे तोह दोपहर
सिमटे तोह सुना घर
सुलगे तोह दोपहर
सिमटे तोह सुना घर
यह धुप इक सफ़र
धुप छाँव के घेरे
में ही चलता है हर जीवन
हो एक ही धुप के रूप हैं दोनों
क्या जंगल क्या गुलशन
क्या जंगल क्या गुलशन
यह धुप इक सफ़र
चमके तोह है सहर
यह धुप इक सफ़र
चमके तोह है सहर
सुलगे तोह दोपहर
सिमटे तोह सुना घर
सुलगे तोह दोपहर
सिमटे तोह सुना घर
यह धुप इक सफ़र
धुप ही रस्ते को झुलसाए
धुप ही फूल खिलाये
यह ही नदी के जल में ढलके
बादल सी लहराये
बादल सी लहराये
यह धुप इक सफ़र
चमके तोह है सहर
यह धुप इक सफ़र
चमके तोह है सहर
सुलगे तोह दोपहर
सिमटे तोह सुना घर
सुलगे तोह दोपहर
सिमटे तोह सुना घर
यह धुप इक सफ़र
Written by: LALIT SEN, NIDA FAZLILyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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