Subah Ke Dhoop Si

Hariharan, Shreya Ghoshal

सुबह की धूप सी शाम के रूप सी मेरी साँसों में थी जिसकी परछाईया देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईया था तुम्हारा ही मुझे इंतजार था तुम्हारा ही मुझे इंतजार हाँ इंतजार धूप में छाँव सी शहर में गाँव सी मेरी राहों में थी जिसकी परछाईया देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईयाँ था तुम्हारा ही मुझे इंतजार था तुम्हारा ही मुझे इंतजार हाँ इंतजार हो.. जब तुम गम थी तब भी तुम थी जितना मै था उतनी तुम थी हो…. दूर थे जब तुम पास थे ऐसे नींद से झांके सपना जैसे कोई जाना अपना जैसे हहह सुबह की धूप सी शाम के रूप सी मेरी राहों में थी जिसकी परछाईया देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईया था तुम्हारा ही मुझे इंतजार था तुम्हारा ही मुझे इंतजार है इंतजार पंछी जगे मंजर डोले घर के छुप छुप हाँ कोने बोले लेकर तुमसे रूप सुनहरा धुला अँधेरा सजा सवेरा हर दर्पण में हो एक ही चेहरा धूप में छाँव सी शहर में गाव सी मेरी राहों में थी जिसकी परछाईया देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईया था तुम्हारा ही मुझे इंतजार था तुम्हारा ही मुझे इंतजार है इंतजार सुबह की धूप सी शाम के रूप सी मेरी साँसों में थीजिसकी परछाईया सुबह की धूप सी शाम के रूप सी मेरी साँसों में थी जिसकी परछाईया

Written by: LALIT SEN, NIDA FAZLILyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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