Jitne Bhi Gham The Dil Ki Navaon Mein Aa Gaye

Hariharan

जितने भी ग़म थे दिल की नवा में आ गए जितने भी ग़म थे दिल की नवा में आ गए हम लेके सब चराग हम लेके सब चराग हवाओं में आ गए जितने भी ग़म थे दिल की नवा में आ गए जब तक लहूँ, लहूँ थे कोई पूछता ना था जब तक लहूँ, लहँ थे कोई पूछता ना था पत्थर हुए तो हम भी खुद़ा में आ गए पत्थर हुए तो हम भी खुद़ा में आ गए हम लेके सब चराग हवाओं में आ गए जितने भी ग़म थे दिल की नवा में आ गए मिट्टी में छुप गए तो फ़ज़ा जागने लगी मिट्टी में छुप गए तो फ़ज़ा जागने लगी ये किस जमी के चाँद घटाओं में आ गए ये किस जमी के चाँद घटाओं में आ गए हम लेके सब चराग हवाओं में आ गए जितने भी ग़म थे दिल की नवा में आ गए मैंने अभी ख्याल-ए-सफ़र ही किया सफ़ी मैंने अभी ख्याल-ए-सफ़र ही किया सफ़ी कांटे सिमट के राह के पाँव में आ गए कांटे सिमट के राह के पाँव में आ गए हम लेके सब चराग हवाओं में आ गए जितने भी ग़म थे दिल की नवा में आ गए जितने भी ग़म थे दिल की नवा में आ गए

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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