Jaane Ye Kya Hua
Hariharan
जाने ये क्या हुआ एक ऐसा पल गया
जाने ये क्या हुआ एक ऐसा पल गया
बिखरा तेरा वजूद जीवन बदल गया
तुझको ही तेरा मन जाने क्यों छल गया
जाने क्यों छल गया, जाने क्यों छल गया
पलभर का ये भरम झुठा खुमार हैं
कांटे खिले जहाँ ये वो बहार हैं (आ आ आ आ आ आ)
बेचैन इतनी हैं ए ए ए, जिसकी तलाश में
वो कस्तूरी छुपी ई ई ई, तेरे ही पास में, तेरे ही पास में
अर्धांग्नि एक अर्धसत्य (आ आ आ आ आ आ)
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आँखें बनी चिता हर ख्वाब जल गया
आँखें बनी चिता हर ख़्वाब जल गया
कितनी सुबह सुबह सूरज ये ढल गया
तुझको तेरा नसीब जाने क्यों छल गया
जाने क्यों छल गया, जाने क्यों छल गया
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
इस गम की धूप में साया नहीं कोई
अपनों की भीड़ में अपना नहीं कोई (आ आ आ आ आ आ)
ना कोई हमकदम, ना कोई हमनवा
अश्कों से क्यों लिखी तेरी ये दास्ताँ, तेरी ये दास्ताँ
आँखें बनी चिता हर ख़्वाब जल गया
कितनी सुबह सुबह सूरज ये ढल गया
तुझको तेरा नसीब जाने क्यों छल गया
जाने क्यों छल गया, जाने क्यों छल गया
Written by: HARIHARANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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