Bohut Kathin Hai Dagar Punghat Ki
Hariharan
बोहुत कठिन है डगर पनघट की
बोहुत कठिन है डगर पनघट की
कैसे भर लओन मथुरा से मटकी
बोहुत कठिन है डगर पनघट की
कैसे भर लओन मथुरा से मटकी
बोहुत कठिन है डगर पनघट की
मैं जो गयी थी पनिया भारण को
मैं जो गयी थी पनिया भारण को
दौर झपट मोरी मटकी पटकी
बोहुत कठिन है डगर पनघट की
कैसे भर लओन मथुरा से मटकी
बोहुत कठिन है डगर पनघट की
निजाउद्दीन औलिया मैं तोरे बाल हारी
तोरे बाल हारी निजामुदीन औलिया
निजाउद्दीन औलिया मैं तोरे बाल हारी
लाज रखो तुम हुमरे घुँगत की
बोहुत कठिन है डगर पनघट की
कैसे भर लओन मथुरा से मटकी
बोहुत कठिन है डगर पनघट की
मैं जो गयी थी पनिया भरूं को
मैं जो गयी थी पनिया भरूं को
दौर झपट मोरे मटकी पटकी
बोहुत कठिन है डगर पनघट की
कैसे भर लओन मथुरा से मटकी
बोहुत कठिन है डगर पनघट की
Written by: Amir KhusrowLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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