Nazar Ka Jhuk Jana
Geeta Dutt
नज़र का झुक जाना जुबा का रुक जाना
इसी को मेरी जा मोहब्बत कहते है
नज़र का झुक जाना जुबा का रुक जाना
इसी को मेरी जा मोहब्बत कहते है
बड़ी है रंगीन फिजाये देखों
तराना गाओ जी दीवाना कहता है
सभी दिलवाले हुए मतवाले
बहारे आई है जमाना कहता है
बहायों को इशारों को समझालो जी
नज़र का झक जाना जुबा का रुक जाना
इसी को मेरी जा मोहब्बत कहते है
बे काली जुल्फे अगर बिखरा दू
फलक में आवारा घटाए झुक जाये
नजर की सोखी अगर दिखलादु
घटा के दामन को में सितारे छुपं जाये
सितारों को इशारों समझा लो जी
नज़र का झक जाना जुबा का रुक जाना
इसी को मेरी जा मोहब्बत कहते है
नशीली राते नजर से बाते
किसी से मिलने के बहाने इधर मद॒होशी
उधर ख़ामोशी इधर मदहोशी
आँखों आँखों में फ़साने बनते हे
इशारों को इशारों को समझ लो जी
नज़र का झुक जाना जुबा का रुक जाना
इसी को मेरी जा मोहब्बत कहते है
नज़र का झुक जाना जुबा का रुक जाना
इसी को मेरी जा मोहब्बत कहते है
Written by: ANANDJI KALYANJI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH, Qamar JalalabadiLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now