Na Jao Saiyan Chhuda Ke Baiya

Geeta Dutt

न जाओ सैंया छुड़ा के बैंया कसम तुम्हारी मैं रो पड़ूँगी, रो पड़ूँगी मचल रहा है सुहाग मेरा जो तुम न होंगे तो, मैं क्या करूँगी, क्या करूँगी न जाओ सैंया छुड़ा के बैंया कसम तुम्हारी मैं रो पड़ूँगी, रो पड़ूँगी ये बिखरी ज़ुल्फ़ें ये खिलता कजरा ये महकी चुनरी ये मन की मदीरा ये सब तुम्हारे लिये है प्रीतम मैं आज तुम को न जाने दूँगी, जाने न दूँगी न जाओ सैंया छुड़ा के बैंया कसम तुम्हारी मैं रो पड़ूँगी, रो पड़ूँगी मैं तुम्हरी दासी जनम की प्यासी तुम्हीं हो मेरा सिंगार प्रीतम तुम्हारे रस्ते की धूल ले कर मैं माँग अपनी सदा भरूँगी, सदा भरूँगी न जाओ सैंया छुड़ा के बैंया कसम तुम्हारी मैं रो पड़ूँगी, रो पड़ूँगी जो मुझ से अखियाँ चुरा रहे हो तो मेरी इतनी अरज भी सुन लो पिया मेरी ये अरज भी सुन लो तुम्हारे चरणों में आ गई हूँ यहीं जियूँगी यहीं मरूँगी, यहीं मरूँगी न जाओ सैंया छुड़ा के बैंया कसम तुम्हारी मैं रो पड़ूँगी, रो पड़ूँगी

Written by: KUMAR HEMANT, Shakeel BadayuniLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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