Mujhse Yeh Keh Rahi Hai
Geeta Dutt, शमशाद बेगम, Mohammed Rafi
मुझसे यह कह रही है
मुझसे यह कह रही है
तस्वीर की लकीरे
बन बन के मिट गयी है
तक़दीर की लकीरे
बन बन के मिट गयी है
वो दिल है याद मुझको
मैं खूब देखती थी
दूल्हा कोई बना था
दुल्हन कोई बनी थी
आँखे खोली तो देखा
दुल्हन यह कह रही थी
बन बन के मिट गयी है
बन बन के मिट गयी है
तक़दीर की लकीरे
मुझसे यह कह रही है
तस्वीर की लकीरे
बन बन के मिट गयी है
है हर तरफ अंधेरा
कैसे तुझे बूलौऊ
चलती है घाम की आँधी
कैसे दिया जालौ
अब तू मुझे भुला दे
और मैं तुझे भुलाऊँ
बदलेंगी अब ना सजनी
बदलेंगी अब ना सजनी
तक़दीर की लकीरे
बन बन के मिट गयी है
तक़दीर की लकीरे
बदलेंगी अब ना सजनी
सुन एक बात मेरी
आँसू बहाने वाले
ओ जिगर के दूसरो को
हुँने दिए उजाले
तू भी हासेगा एक दिन
मुझको हसने वाले
मिट मिट के फिर बनेंगी
मिट मिट के फिर बनेंगी
तक़दीर की लकीरे
मुझसे यह कह रही है
तस्वीर की लकीरे
मिट मिट के फिर बनेंगी
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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