Kya Kaha Zara Phir Kaho

Geeta Dutt, सुबीर सेन

क्या कहा ज़रा फिर कहो अजी क्या कहा ज़रा फिर कहो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो क्या कहा ज़रा फिर कहो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो तुम ना कहो तो निगाहें कहेंगी तुम्हारी ये बहकी अदाए कहेंगी तुम ना कहो तो निगाहें कहेंगी तुम्हारी ये बहकी अदाए कहेंगी यू ना सताया करो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो क्या कहा ज़रा फिर कहो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो की हैं मोहब्बत तो कैसा छुपाना ना हो जाए दुश्मन कहीं ये ज़माना की हैं मोहब्बत तो कैसा छुपाना ना हो जाए दुश्मन कहीं ये ज़माना दुनिया से यू ना डरो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो क्या कहा ज़रा फिर कहो अजी क्या कहा ज़रा फिर कहो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो कोई सुन लेगा अजी चुप रहो

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