Kamata Hoon Bahut Kuchh

Geeta Dutt, Kishore Kumar

कमाता हूँ बहुत कुछ पर कमाई डूब जाती है कमाता हूँ बहुत कुछ पर कमाई डूब जाती है कुछ income tax ले जाता है कुछ बिवी उड़ाती है कुछ income tax ले जाता है कुछ बिवी उड़ाती है कमाता हूँ बहुत कुछ पर कमाई डूब जाती है अच्छा कहो तुम कुछ भी लेकिन ये समझदारो का कहना है कहो तुम कुछ भी लेकिन ये समझदारो का कहना है क्या लुटा देते है घर को मर्द औरत घर बनाती है लुटा देते है घर को मर्द औरत घर बनाती है आ तेरी इन साडीयो ने जम्परों ने मार डाला है आ तेरी इन साडीयो ने अरे जम्परों ने मार डाला है तेरी दिवाली की खातिर मेरा निकला दिवाला है मै कडका हू मै कडका हू मै कडका जेब से तू scent कपड़ो में लगाती है बसे भी शहर में चलती है क्यों टेक्सी में जाते हो सिनेमा देखते हो होटलो के बिल चुकाते हो कमाई आधी बहार और आधी घर में आती है कमाई आधी बहार और आधी घर में आती है लुटा देते है घर को मर्द औरत घर बनाती है कमाता हूँ बहुत कुछ पर कमाई डूब जाती है मै बाते जब सुनाता हु मुझे आँखे दिखाती है मै बाते जब सुनाता हु मुझे आँखे दिखाती है कमाता हूँ बहुत कुछ पर कमाई डूब जाती है दादा ता हुन हुन हुन उड़ा देते है पैसा बाद में फिर हाथ मलते है जीजीने जाके केहदे हाथ मलुचू दबाके मुंह में cigerette आप ऐसे ऐसे चलते है हैं हे हे हे हे मुसीबत सर पे जब आती है बीवी काम आती है मुसीबत सर पे जब आती है बीवी काम आती है लुटा देते है घर को मर्द औरत घर बनाती है कमाता हूँ बहुत कुछ पर कमाई डूब जाती है

Written by: AVINASH VYAS, RAJA MEHDI ALI KHANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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