Aaj Gagan Men Aag Lagi Hai

Geeta Dutt

आज गगन में आग लगी है जलते चाँद सितारे सितारे धरती पर भी मेरे मन में भड़क रहे अंगारे भड़क रहे अंगारे आओ आओ अब तो आओ दुःख से हमे छुड़ाओ दुःख से हमे छुड़ाओ प्रभु आओ आओ आओ प्रभु आओ आओ आओ मैं आख हू आँख पिया तुम मैं पंछी तुम पंख पिया तुम बरस बरस और दो नैनो इनको धीर बंधाओ बंधाओ प्रभु आओ आओ आओ पाप और दुख ने मुझको घेरा छाया चारो और अँधेरा कब चरणों में शरण मुझे दो मेरी लाज बचाओ बचाओ प्रभु आओ आओ आओ

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