Chhede Hai Mujhko Kari Badariya

Dilraj Kaur

छेड़े है मुझको कारी बदरिया रे छेड़े है मुझको कारी बदरिया बैरी मौसम सुहाना पीस गई जवानी मेरी हाय पीस गई जवानी मेरी रूप के बोझ से हाय पीस गई जवानी मेरी रूप के बोझ से यूँ चक्की में दाना, छेड़े है मुझको ना तो किसी ने मेरी बैया मरोड़ी ना कंगना छनकाया, ना कंगना छनकाया रहगी तड़प के नागिन सी अंखियाँ कोई सपेरा ना आया, कोई सपेरा ना आया सारा जमाना हैं बेगाना रे सारा जमाना हैं बेगाना कोई ना जाना पहचाना पीस गई जवानी मेरी, हाय मर गई दइया पीस गई जवानी मेरी रूप के बोझ से यूँ चक्की में दाना, छेड़े है मुझको अपने दिल की हर चाहत को किसी के नाम लगा दूँ मै किसी के नाम लगा दूँ जो मुझ पे हैं बीत रही वो उसको बात बता दूँ, उसको बात बता दूँ कब कोई परदेशी आए कही से हाय कब कोई परदेशी आए कही से बनके मिले अनजाना पीस गई जवानी मेरी, हाय पीस गई जवानी मेरी रूप के बोझ से यूँ चक्की में दाना, छेड़े है मुझको

Written by: SONIK-OMI, VARMA MALIKLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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