Apna Dulha Zamane Se Nirala
Ravi, Jolly Mukherjee, समीर सेन, दिलीप सेन, रवि, साधना
आज गुलशन की बहारों ने सलामी दी है
सारी दुनिया केनज़ारो ने सलामी दी है
जमीनों आसमान कुर्बान तेरे सेहरे पे
फलक के चाँद सितारों ने सलामी दी है
वे जो लगे छबीला अब हो जाएगा ढीला
पकड़ेगी कान से इसको फिर हो जाएगा पीला
हाँ अपना दूल्हा हे हे अपना दूल्हाहोए होए अपना दृल्हा
ज़माने से निराला है अपना दूल्हाज़माने से निराला है
खुद रब ने हा हा खुद रब ने हा जी हा खुद रब ने
महूरत निकाला है खुद रब ने महूरत निकाला है
अपना दूल्हा ज़माने से निराला है खुद रब ने महूरत निकाला है
अपना दूल्हाज़माने से निराला है
दूल्हा जमाना निराला दूल्हाजमाना निराला दृ दूल्हा हाँ
अपना दूल्हाज़माने से निराला है
खुद रब ने महूरत निकाला है खुद रब ने महूरत निकाला है
मुखड़े को चूमे आज सेहरे दी लड़ियाँ सेहरे दी लड़ियाँ होए होए
मनातो मुरादों से मिली हैं ये घड़ियाँ मिली है ये घड़ियाँ होए होए
जिंदगी में होता है मिलन वे नसीब से
देवर मिलेगा मेरा अपने हबीव से
अपने हबीव से अपने हबीव से
देवर मिलेगामा मा मिलेगा मिलेगा दा दा देवर मिलेगा मा मा मिलेगा मिलेगा दा दा देवर मिलेगा
देवर मिलेगा मेरा अपने हबीव से
अपने हबीव से अपने हबीव से
चूड़ियाँ वफ़ा की जोडा इज्ज़त का पहने
अंग चढ़े तो फीके लगे सारे गहने लगे सारे गहने फीके लगे सारे गहने
आँख में शर्म ओ दे चहरे पे नूर जी
नेक जहान पे ऐसे जैसे जनता दी हूर जी जनता दी हूर जीजनता दी हूर जी
ओ ओ ओ ओ
हुस्न राँझा फरिस्तों से कुछ कम नहीं
उसकी सूरत पे मरती है लाखों हसीन
हा हा लाखों हसीन हा देखो लाखों हसीन
फुल चाहत के सीने में सजने लगे
हरतरफ ढ़ोल खुशियों के बजने लगे
फुल चाहत के सीने में सजने लगे
हर तरफ ढ़ोल खुशियों के बजने लगे
मेरा राँझा तो मेरा राँझा तो घर का उजाला है
बड़े नाजों से हमने इसे पाला है बड़े नाजों से हमने इसे पाला है
बड़े नाजों से हमने इसे पाला है
खुद रब ने हाँ हाँ खुद रब ने हाँ जी हाँ
खुद रब ने महुरत निकाला है खुद रब ने महूरत निकाला है
दिल के उजड़े चमन की कली खिल गयी
तेरी चाहत की मंजिल तुझे मिल गयी
दिल के उजड़े चमन की कली खिल गयी
तेरी चाहत की मंजिल तुझे मिल गयी
इश्क में हार होती है संसार की जीत होती रहेगी यू हीं प्यार की
हुस्न से इश्क हुस्न से इश्क अब मिलने वाला है
खुद खब ने हाँ हाँ खुद रब ने हाँ जी हाँ खुद रब ने महरत निकाला है
खुद रब ने महरत निकाला है
यह अजा बाकपन दिलरुवा गुलबदन
तू हैए जानेमन एक अनोखी दुल्हन
तू है ऐ जानेमन एक अनोली दुल्हन
इससे बढकर तुझे ना खुशी चाहिए
यार के पहलू में जिंदगी चाहिए
तेरा राँझा तो
तेरा राँझा तो तेरे प्यार का है खुदा
मरके भी हों सकेंगे ना दोनों जुदा
मरके भी हों सकेंगे ना दोनों जुदा
ऐसे सांचे में ऐसे सांचे में
कुदरत ने ढला है खुद रब ने हाँ हाँ
खुद रब ने हाँ जी हाँ खुद रब ने महरत निकाला है
खुद रब ने महूरत निकाला है
ओ जद हटके बल्नूअरे बन माने मूजी मर मरजावां लस्सी पीके
तू की करेंगा जी के
आई भूखों की बारात
अच्छे लगते नहीं हालात
हटा चहरे से घूंघट
नज़र ना लगे परे हट
हुआ क्यों मुझे धकेले
कभी मिलना अकेले
तू भी दुल्हे का भाई तबियत तुझपे आई
बजे है बारह शकल पे लालत है तेरी अक्ल पे
जात के लगे निरासी कली नहीं फुल है वासी
है एक ही बाप के सारे इसी गम के है मारे
इसी गम के है मारे इसी गम के है मारे
चुप हो जा बन्नो तू खोल ना जुबान को
जानते हैं हम सब तेरे खानदान को
जानते हैं हम सब तेरे खानदान को
तेरी माँ पे मिरासी हो गया शैदा
शादी होने से पहले तू हो गयी थी पैदा
शादी होने से पहले तू हो गयी थी पैदा
ओ लंगड़ा चाचा लंगड़ा लंगड़ा लंगड़ा नहीं नहीं नहीं मेरा चाचा
अरे लंगड़ा लंगड़ा अरे बाबा मेरा चाचा
अरे लंगड़ा चाचा नहीं मेरा चाचा
अरे लंगड़ा चाचा कुंवारा मरने वाला है
खुद रब ने महरत निकाला है खुद रब ने महरत निकाला है
अरे वो लंगड़े चाचा ओ लंगड़ा चाचा (होय होय होय)
Written by: DILIP SEN, DILIP TAHIR, P.D. MEHRA, SAMEER SENLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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