साँस रुकती कहाँ
है किसीस की खातिर
ये सफ़र तो है बस
खुदेई के खातिर
लम्हा लम्हा ज़िंदगी का
लम्हा लम्हा ज़िंदगी
का है हाज़िर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
चलते हैं वो भी
जो थम जाते हैं
रास्तों से भी आगे
कदम जाते हैं
कोई ठहरा कहाँ
है ब्टा फिर
कोई ठहरा कहाँ
है ब्टा फिर
लम्हा लम्हा ज़िंदगी
का है आख़िर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
बारीशों के ये मौसम
तो पल भर रहे
कुशक आँखों में
बेगे से मंज़र रहे
एक एहसास की उंगली
को थाम के
टाई कर रहा हूँ
मैं मरहाले शाम के
मरहाले शाम के
मरहाले शाम के
लम्हा लम्हा
ज़िंदगी का है आख़िर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
ज़िंदगी को सभी
कुछ कहाँ है मिला
साँस का हर कदम
देता है ये सला
जो ना मिला वो
मौजूद हर पल रहा
वक़्त मुझमे है
तेहरा मैं चलता रहा
लम्हा लम्हा ज़िंदगी
का है आख़िर
लम्हा लम्हा ज़िंदगी
का है आख़िर
लम्हा लम्हा ज़िंदगी
का है आख़िर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
लम्हा लम्हा ज़िंदगी
का है आख़िर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
मुसाफिर है मुसाफिर
Written by: M M KREEM, PANCHHI JALONVILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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