Mere Piya Gaye Rangoon
शमशाद बेगम, चितलकर
मेरे पिया हो मेरे पिया गये रंगून
किया है वहाँ से टेलीफ़ून
तुम्हारी याद सताती है तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
मेरे पिया गये रंगून किया है वहाँ से टेलीफ़ून
तुम्हारी याद सताती है तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
हम छोड़ के हिन्दुस्तान बहुत पछताये
बहुत पछताये
हम छोड़ के हिन्दुस्तान बहुत पछताये
बहुत पछताये
हुई भूल जो तुमको साथ ना लेकर आये
हुई भूल जो तुमको साथ ना लेकर आये
हम बर्मा की गलियों मैं और तुम हो देहरादून
तुम्हारी याद सताती है तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
मेरे पिया गये रंगून किया है वहाँ से टेलीफ़ून
तुम्हारी याद सताती है तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
मेरी भूख प्यास भी खो गये गम के मारे गम के मारे
मेरी भूख प्यास भी खो गये गम के मारे गम के मारे
मैं अधमुई सी हो गई ग़म के मारे
मैं अधमुई सी हो गई ग़म के मारे
तुम बिन, साजन, जनवरी फ़रवरी बन गये मई और जून
तुम्हारी याद सताती है तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
मेरे पिया गये रंगून किया है वहाँ से टेलीफ़ून
तुम्हारी याद सताती है तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
अजी तुमसे बिछड़के हो गये हम सन्यासी हम सन्यासी
अजी तुमसे बिछड़के
तुमसे बिछड़के हो गये हम सन्यासी हम सन्यासी
खा लेते हैं जो मिल जाये रूखी सूखी बासी
खा लेते हैं जो मिल जाये रूखी सूखी बासी
अजी लूंगी बाँध, के करें गुज़ारा भूल गये पतलून
तुम्हारी याद सताती है तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
मेरे पिया गये रंगून किया है वहाँ से टेलीफ़ून
तुम्हारी याद सताती है तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
Written by: C Ramchandra, Rajinder KrishnanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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