Ajnabi

Atif Aslam

मैं घर से जो निकला दुकान से ख्वाबों को लेने तो बंद थी लग रही मुझे ठंड थी किसी ने हासाया किसी ने सताया ते चालदी हाववान ने दिल नू सताया My eyes are closed but I can see दिल लाभदा ठिकाना ना कोई बहाना ना कोई फसाना आए अजनबी मुझे अब तू मिलना नही होगा तुझसे कभी आँखें नम हैं पर उनकी नमी में भी होगी कमी मेरा तुझसे दिल को लगाना अब मुमकिन नही अजनबी आए अजनबी ह्म उमीदों की कश्ती में उड़ते हुए बादबाणों सी मेरी पतंग थी डोर भी थोड़ी कम थी किसी ने बनाया किसी ने उड़ाया ते चालदी हाववान ने पेच लोवाया My eyes are closed but I can see दिल लाभदा ठिकाना ना कोई बहाना ना कोई फसाना आए अजनबी मुझे अब तू मिलना नही होगा तुझसे कभी आँखें नम हैं पर उनकी नमी में भी होगी कमी मेरा तुझसे दिल को लगाना अब मुमकिन नही अजनबी अजनबी दिल लाभदा ठिकाना ना कोई बहाना ना कोई फसाना आए अजनबी मुझे अब तू मिलना नही होगा तुझसे कभी आँखें नम हैं पर उनकी नमी में भी होगी कमी मेरा तुझसे दिल को लगाना अब मुमकिन नही अजनबी ओह अजनबी मुझे अब तू मिलना नही होगा तुझसे कभी आँखें नम हैं पर उनकी नमी में भी होगी कमी मेरा तुझसे दिल को लगाना अब मुमकिन नही अजनबी आए अजनबी

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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