Shanivar Tak Woh

Shabbir Kumar, Asha Bhosle

शनिवार तक वह अफसर रहते हैं शनिवार तक वह अफसर रहते हैं Sunday जब आता हैं मर्द औरत बन जाता हैं शनिवार तक वह अफसर रहते हैं शनिवार तक वह अफसर रहते हैं Sunday जब आता हैं मर्द औरत बन जाता हैं हम दोनों रहते हैं घर में हिस्से डारो जैसे बारी बारी काम घरेलू कर लेते हैं ऐसे खाना जल्दी मिलता हैं जब उसकी बारी आती हैं मैं तो मर्द बीबी मेरी पूरी औरत बन जाती हैं शनिवार तक वह अफसर रहते हैं शनिवार तक वह अफसर रहते हैं Sunday जब आता हैं मर्द औरत बन जाता हैं बीबी उसकी कारें नौकरी मर्द को नहीं घवरा पति ही केवल काम करें तो मुश्किल हो ग़ुजारा झाला न चूल्हा तो आज कहते हैं आज उपवास हमारे प्यार से ही करते हैं तसली और नहीं कोई चारा शनिवार तक वह अफसर रहते हैं शनिवार तक वह अफसर रहते हैं (शनिवार तक वह अफसर रहते हैं) Sunday जब आता हैं मर्द (Sunday जब आता हैं मर्द) औरत बन जाता हैं

Written by: BAPPI LAHIRI, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVARLyrics © Royalty Network, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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